पंचकर्मा क्या होता है और पंचकर्मा के फायदे होते है।

पंचकर्मा से हमारे शरीर के रोगो का निदान होता है। कई बार ऐसा होता हम डॉक्टर का पास जाकर भी हमारी बिमारियों का सही से निदान नहीं हो पता, एलोपेथिक दवाइयाँ एक रोग ठीक करती है और दूसरी बीमारी को दावत देती है। लेकिन आयुर्वेदा में हमारी को जड़ से ख़त्म किया जाता है। जिसमे है एक पंचकर्मा है।  पंचकर्मा में त्वचा ,बालो और इन्फर्टिलटी बीमारियों का जड़ से इलाज किया जाता हैं। आशा आयुर्वेदा में आप अपनी समस्याओ को दिखा सकते हैं।


 जानिए क्या है पंचकर्म और इसके लाभ आयुर्वेद के अनुसार शरीर से विशाक्त पदार्थों को बहार निकालने की प्रक्रिया को पंचकर्म सिद्धांत के अंतर्गत रखा गया है। इसे हम शरीर का शुद्धिकरण भी कह सकते है, क्योंकि जब हम शरीर से विशैले पदार्थों का त्याग करते है तो हमारा शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है। आयुर्वेद की पंच कर्म पद्धति में पांच क्रियाएं होती है। इनके नाम इस प्रकार से है वमन, विरेचन, बस्ति, नस्य, रक्तमोक्षण।

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1.  वमन पंचकर्म की पहली प्रक्रिया होती है वमन अर्थात उल्टी के द्वारा शरीर के जहरीले विशाक्त पदार्थों को शरीर से बहार करके शरीर को शुद्ध बनाना।

2. विरेचन विरेचन पंचकर्म की दूसरी पद्धति है जिसके द्वारा पूरी तरह से शरीर से मल का त्याग किया जाता है। इस प्रकिया में शरीर की आंतों में जमें विशाक्त पदार्थों को निकाला जाता है और जड़ी बुटियों का सेवन कराया जाता है जिससे विशैल पदार्थ शरीर से जल्द से जल्द मल के द्वारा बहार आ जायें।

3.  वस्ति पंचकर्म के इस चरण में हम रोगी को आयुर्वेद की तरल औषाधियों का सेवन कराते है। इन तरह औषधियों में दुध, तेल या फिर घी को पिलाया जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग जटिल तथा पुरानी बिमारियों को ठीक करने में किया जाता है।

4.  नस्य इस प्रक्रिया के अंतर्गत शरीर के अंदर नाक के द्वारा औषधियों का प्रवेश शरीर में किया जाता है, जिससे आपके सिर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ बहार निकलते है।

5.  रक्तमोक्षण रक्तमोक्षण जैसा कि नाम से ही विदित होता है, कि रक्त को शुद्धिकरण अर्थात इस अंतिम चरण में हम पंचकर्म के द्वारा रक्त का शुद्धि करण करते है। जिससे शरीर के कुछेक भाग जिसमें दिक्कत हो रही है या फिर पूरे शरीर के रक्त का शुद्धिकरण करते है, क्योंकि सबसे ज्यादा बिमारियां खून की खराबी के कारण ही होती है।

 पंचकर्म के महत्वपूर्ण लाभ और पंचकर्मा केंद्र दिल्ली में। 

•  पंचकर्म क्रिया के द्वारा शरीर के दोषों को बाहर निकाल दिया जाता है, इससे व्याधि ठीक होकर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। पंचकर्म स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

पंचकर्म के द्वारा आपके शरीर का पूरी तरह से शुद्धिकरण हो जाता है।

शरीर के सभी दुषित और विशाक्त पदार्थ बहार निकल जाने से इन्द्रिया, मन, बुद्धि एवं रुप रंग अच्छा हो जाता है तथा बल एवं वीर्य की रुद्धि होने से पौरुष शक्ति बढ़ती है।

•  पंचकर्म पद्धति से दीर्घायु की प्राप्ति होती है और साथ ही पंचकर्म आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है, जिससे बार-बार होने वाली बिमारिया टाली जा सकती है।

•  रोज-रोज की ऐसीडिटी होना, खाँसी-जुकाम होना, पेट ठीक से साफ न होना, मुहासे, जोड़ो के दर्द और कई सारी बिमारियों में पंचकर्म बहुत ही लाभकारी होता है।

•  पंच कर्म सिद्धांत के द्वारा बढ़ती उम्र को रोका जा सकता है तथा साथ ही बुढ़ापा देर से आता है।

अगर आप दिल्ली में पंचकर्मा केंद्र देख रहे है तो आप आशा आयुर्वेदा में आ सकते है जो नई दिल्ली राजौरी गार्डन में है।

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हमारा पंचकर्मा केंद्र नई दिल्ली राजौरी गार्डन में है: http://www.aashaayurveda.com /9811773770

 

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